डिजिटल माध्यम चुनौती भी, अवसर भी!
- र्वप्रथम आप सभी को महाशिवरात्रि एवं होली की हार्दिक शुभकामनाएं। हम सभी जानते हैं कि महाशिव मंगलकारी हैं, कल्याणकारी हैं, सत्य हैं, सुंदर हैं। वैसे मौजूदा सत्य यह है कि इस बार पूरा देश देशभक्ति के रंग से होली खेलेगा, क्योंकि देश का वीर सपूत अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान से विजयी भाव से लौटा हैवैसे देखें तो परीक्षाएं खत्म हो गई हैं, और अब नई कक्षाएं शुरू होंगी। बच्चे नई किताबों से परिचय पाएंगे, नई चुनौतियों से रू-ब-रू होंगे। ऐसे में हम अभिभावकों/शिक्षकों के सामने चुनौती है कि नई कक्षा की भूलभुलैया से निपटने की शुरुआती तैयारी कैसे की जाए, ताकि बच्चे नई पुस्तकों के अध्यायों को कठिन समझकर पढ़ाई से दूर न भागने लग जाएंखास तौर पर विज्ञान एवं गणित ऐसे विषय हैं, जहां बच्चे ऐसी चुनौती से गुजरते हैं। दूसरी चुनौती है कि सरकार ने शिक्षा के माध्यम को पूरी तरह से डिजिटल करने का मन बना लिया लगता है। ऐसे में अभिभावकों की चुनौती भी बढ़ने वाली हैं। बच्चे ऑनलाइन गेम में व्यस्त रहने लगे हैं। उनकी एकाग्रता भंग हो रही है और पढ़ाई भी अधूरी रहने लगी है।
आज हमारे सामने अवसर एवं चुनौती दोनों एक ही वक्त में मौजूद हैं। डिजिटल माध्यम जितना बड़ा अवसर है, उतनी ही बड़ी चुनौती है। अवसर इस रूप में कि पूरा विश्व डिजिटल प्लेटफार्म पर है और चुनौती इसलिए क्योंकि यह बच्चों के अनुशासन, एकाग्रता एवं व्यवहार पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। बच्चे आकामक और एकाकी होने/रहने लगे हैं, उनकी सार्वजनिक/खेल गतिविधियां कम होने लगी हैं, ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। इससे मानव के रूप में उनके विकास की चुनौती पूरे समाज के सामने है |
यदि हम कुछ सावधानियां बरतें तो बच्चों को इन चुनौतियों के मद्देनजर तैयार कर सकते हैंइसके लिए हमें डिजिटल पेरेंट्स बनना पड़ेगा। ठीक वैसे ही, जैसे नब्बे के दशक में अभिभावकों को अंग्रेजी भाषा सीखने की जरूरत पड़ गई थी, क्योंकि तब शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होने की शुरुआत हो गई थी। डिजिटल पेरेंट्स के रूप में हमें बच्चों के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन अनुशासन का टाइम-फ्रेम बनाना होगा। अर्थात् हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे सार्वजनिक एवं खेल गतिविधियों में सकिय रूप से हिस्सा लें। इसके अलावा हमें मानविकी की पढ़ाई आवश्यक करनी होगी, ताकि वे समाज में मानव व्यवहार के प्रति सहिष्णु बने रहें, वरना बहुत जल्द वो समय आएगा, जब हमारे बच्चे मानव से ज्यादा मशीन सरीखा व्यवहार करने लग जाएंगे
जय श्री कृष्ण!
रश्मि मल्होत्रा मुख्य संपादक