ईश्वर की सत्ता का प्रमाण कहीं हो तो बताएं...
प्रश्न- जो वस्तु दिखाई न दे उसकी सत्ता का कैसे विश्वास किया जाए? धर्म ने ईश्वर का तसव्वर बिठाने के लिए बहुत प्रयत्न किए हैं, फिर भी वर्तमान काल के दाना और अक्लमंद लोगों ने इस विचार को एक भ्रम के अतिरिक्त कोई मान्यता नहीं दी। यदि वास्तव में कोई परमात्मा है तो कभी न कभी किसी न किसी को दिखाई तो देना चाहिए। जो मात्र विचार ही हो और आंखों से दिखाई न दे, कानों से सुनाई न दे, उसको मानना जहालत है और भोले-भाले लोगों को गलत रास्ते पर चलाकर अपना उल्लू सीधा कर लेता है।
वस्तु आंखों से दिखाई न दे उसको मानना बुद्धिमत्ता नहीं है। परंतु संसार में हम बहुत-सी ऐसी वस्तुएं देखते हैं जो आंखों से देखी नहीं जा सकतीं पर सुनी जाती हैं, चखी जाती हैं, स्पर्श की जाती हैं, सुंघी जाती हैं। आप जानते हैं कि हवा को देखा नहीं जा सकता पर उसे स्पर्श किया जाता है।
पंखा चलने पर वह प्रत्यक्ष मालूम होती है। सांस के द्वारा अपने होने का वह पूरा प्रमाण दे रही है, पर दिखाई नहीं देती। अब आप स्वयं ही उत्तर दीजिए कि क्या हवा नहीं है? भोजन के बिना आप जीवित रह सकते हैं, पानी के बिना भी कुछ दिन जीवित रह सकते हैं पर हवा के बिना तो एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकते। अर्थात् हवा आपका जीवन है पर क्योंकि वह आपको दिखाई नहीं देती तो क्या आप उसके अस्तित्व को स्वीकार नहीं करेंगे? विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रत्येक वस्तु में अग्नि विद्यमान रहती है पर दिखाई नहीं देती। पत्थरों को रगड़ने जो अग्नि पैदा हो जाती है तो वो इसलिए क्योंकि वह अग्नि तो पहले से ही उसमें विद्यमान थी पर साधन करने से प्रकट कर ली गई। दूध में मक्खन विद्यमान है पर बिलौने से ही प्राप्त होता है। आपने अमेरिका, अफ्रीका, इंग्लैंड आदि कई देश आंखों से नहीं देखे पर क्या आप उनको नहीं मानते? इसलिए आपका यह तर्क कि जो वस्तु आंखों से दिखाई न दे उसको मानना जहालत है, उचित नहीं। ऋषि, मुनियों, फकीर, योगयों, पैगंबरों ने परमात्मा का अनुभव किया है, और उसकी प्राप्ति के लिए कई साधन बताए हैं। इसलिए हमें उनके प्रयोगों पर विश्वास कर परमात्मा को जानने का प्रयत्न करना चाहिए। मनुष्य शरीर परमात्मा को प्राप्त करने के लिए मिला हैऔर यह जीवात्मा इसी शरीर में परमात्मा को प्राप्त कर मुक्त हो सकता है। इसलिए इस मनुष्य शरीर के आस्तिक बनकर सफल बनाइए और ईश्वर की प्राप्ति का प्रयत्न कीजिए, ताकि मृत्यु के समय आपको पछताना न पड़े।