शारदीय नवरात्र
शारदीय नवरात्र दिनांक 29 सितम्बर 2019 से आरम्भ होने वाला है। नवरात्र में दुर्गा माता की नौ दिनों में 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। माता के नौ रूप हैं-
क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
देवीभागवत पुराण के अनुसार आश्विन मास में माता की पूजा-अर्चना व नवरात्र व्रत करने से मनुष्य पर देवी दुर्गा की कृपा सम्पूर्ण वर्ष बनी रहती है और मनुष्य का कल्याण होता है। अष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है तथा उस दिन उपवास व्रत के साथ-साथ कन्या पूजन का भी विधान है। कन्या पूजन नवमी के दिन भी किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति नौ दिनों तक पूजन करने में समर्थ नहीं है और वह माता के नौ दिनों के व्रत का फल लेना चाहता है तो उसे प्रथम नवरात्र तथा अष्टमी का व्रत करना चाहिए। माता उसे मनोवांछित फल प्रदान करती है।
कन्या पूजन का महत्व
जो भक्त नौ दिन तक व्रत रखते हैं उन्हें अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए. क्योंकि दस वर्ष से कम आयु की कन्या दुर्गा रूप मानी जाती है.| नौ कन्या को विधिवत भोजन करवाना चाहिए, उन की पूजा करनी चाहिए जिस से आप की सभी मनोकामना माँ दुर्गा पूर्ण करती है|
नारी व कन्या का महत्व हम सब से छुपा नहीं है। नारी मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति है। उसके बिना पुरूष अधूरा है। नारी ही उसे पूर्णता प्रदान करती है। पुरूष के उजड़े हुए उपवन को नारी ही पल्लवित और पुष्पित बनाती है|
विश्व का आदि मानव भी जोड़े के रूप में धरती पर अवतरित हुआ था। मनुस्मृति में स्त्री के संबंध में कहा गया है कि उस हिरण्यगर्भ ने अपने शरीर के दो भाग किये। आधे से पुरूष और आधे से स्त्री का निर्माण हुआ। पुराण में नारी के महत्व के संबंध में कहा गया है कि जिस स्थान पर स्त्रियों की पूजा होती है, वही देवता निवास करते हैं तथा जहां उनकी पूजा नहीं होती, वहां सब काम निष्फल होते हैं। कामायनी में जयशंकर प्रसाद ने लिखा है कि
''नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग-पग-तल में,
पीयुष श्रोत सी बहा करी, जीवन के सुन्दर समतल में।"
नवरात्री पर माँ दुर्गा जो साक्षात् नारी का स्वरुप है यह मान कर व्रत रखने चाहिए की सभी नारियो का आप सम्मान करेंगे और समाज में उन की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं लगने देंगे |
यही सच्चे मायने में माँ को आप की पूजा अर्चना समर्पित होगी|
|| जय माँ आंबे जय जगदम्बे ||