अक्टूबर अंक : पर्यावरण की नसीहत
ओम पत्रिका का अक्टूबर अंक मिला। एक तो दीपावली के बारे में विस्तार से बताया गया। लेकिन शुरुआत में ही पर्यावरण योद्धा ग्रेटा थनबर्ग की चर्चा हुई, उसने दिल छू लिया। जब एक छोटी सी बच्ची पर्यावरण को बचाने के लिए इतना कुछ कर सकती है, तो हम बड़े क्यों अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। इस आलेख को पढ़कर, यह सवाल मेरे मन में कौंध रहा है। पत्रिका स्त्री सशक्तिकरण और पर्यावरण के प्रति हम जैसे पाठकों को लगातार सचेत करने का प्रयास करती रहती है।
लेकिन यह आलेख तो अद्भुत था, क्योंकि इसमें एक बच्ची ही हमसे यानी समाज से सवाल कर रही है और हमारे पास उसके सवाल का जवाब नहीं हैपत्रिका में प्रवचन, शंका समाधान, आध्यात्मिक लेख, नीति कथाएं, जागरण लाती कविताएँ, यात्रा वृतांत, प्रेरक प्रसंग, संस्मरण, योग, आयुर्वेद, स्वास्थ्य और बाल पाठ्य सामग्री अर्थात समाज और परिवार का ऐसा कोई विषय नहीं जो छूट गया हो
सुजाता सिंह
पटना, बिहार