प्रगति में बाधक है फिजूलखर्ची
अभिव्यक्ति
कोई भी व्यक्ति किसी कारोबार को दो पैसे कमाने के लिए करता है और अपने व्यापारिक गुणों और सिद्धान्तों को अपनाकर व्यापार को चमकाता है तथा अपने क्षेत्र में अग्रणी बनने की कोशिश करता है। इस दौरान अगर वह संस्थान में होने वाली फिजूलखर्ची पर ध्यान नहीं देगा तो वह कभी भी ऊंची स्थिति में नहीं पहुंच सकता।
प्रतिवर्ष की भान्ति कम्पनी के वार्षिक कामकाज के लेखा-जोखा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की 23वीं बैठक मुम्बई के एक Resort में आयोजित की गई थी| इसमें देश भर से कम्पनी के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पदानुसार प्रतिनिधियों ने अपनी टिकट बुक करानी शुरू कर दीं। आने-जाने, खाने-पीने व रहने का सारा खर्च कम्पनी को ही वहन करना था। इसीलिये सभी अपने-अपने पद के हिसाब से टिकट बुक कराने लग गये, जिसमें से किसी का By Air Authorisation था और किसी को A.C. 2 टायर इत्यादि का। श्री रमेश अग्रवाल एवं उनकी पत्नी श्रीमति मंजू अग्रवाल को भी दिल्ली से मुम्बई मीटिंग के लिए जाना था।
वस्तुस्थिति को समझते हुए रमेश जी ने अपना और पत्नी का मुम्बई जाने का टिकट 'गरीब रथ' में दिनांक 4-2-2011 को बुक कराया। धीरे-धीरे यह बात सब प्रतिनिधियों के पास पहुंच गई और बिना कोई आदेश दिए सभी ने अपने टिकट 'गरीब रथ' में बुक कराने आरम्भ कर दिये। साथ ही, जिस Resort में रहने का प्रबंध था, वहां भी प्रत्येक कमरे में एक के बजाय दो व्यक्तियों के ठहरने का सुझाव आने लग गया।
देखते-देखते रमेश जी के एक छोटे से सामयिक निर्णय से कम्पनी को कई लाख का फायदा हुआ क्योंकि यह मीटिंग आत्म-मंथन एवं फालतू खर्चे कंट्रोल करने के उपायों के लिए थी, अतः इस मीटिंग में कम्पनी के बाहर का कोई भी व्यक्ति नहीं आना था तो क्यों फालतू में दिखावटी खर्च किए जायें। यह बात सबको बहुत अच्छी लगीआत्म-मंथन में इस बात पर भी सकारात्मक रूप से काफी चर्चा हुई और भविष्य में भी इसे अपनाने पर जोर दिया गया। जो इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा था Control over Wastage, वो ट्रेन की यात्रा के दौरान ही Practical रूप में सभी को सीखने को मिल गया।
इस प्रकार मितव्ययिता अगर कम्पनी के हित में है तो यह एक बहुत अच्छी चीज़ है और भविष्य में कम्पनी की उन्नति का कारण होगी।
यदि मितव्यतता से कम्पनी के हितों को नुकसान हो रहा है तो यह लोभ का रूप धारण कर लेती हैलोभ हमेशा नुकसानदायक होता है। अतः मितव्यतता कभी लोभ का रूप धारण न कर पाये, इसका ध्यान रखना ही एक अच्छे उद्यमी की पहचान है।
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