भारत में सेहतमंद आहार की कमी
पोषण पर रिपोर्ट
एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव (एटीएनआई) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत की सबसे बड़ी फूड एवं बेवरेज कंपनियां पोषण की समस्याओं से पीड़ित लोगों को सेहतमंद उत्पादों को सीमित विकल्प ही दे रही है |
रिपोर्ट में पता चला है कि कंपनियां भारत में कुपोषण के दोहरे भार के प्रति ज्यादा समझ व प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रही हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत में जीवनशैली के परिवर्तनों ने उपभोक्ताओं की आदतों में बदलाव लाया है और वो पारंपरिक फूड लिए जाने से लेकर शहरी फूड की आदतों की ओर अग्रसर हुए हैं, जिनमें पैकेज्ड व प्रोसेस्ड फूड शामिल है, जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में शुगर, फैट एवं साल्ट होते हैं। 2016 में एटीएनआई ने पहला इंडिया स्पॉटलाइट इंडेक्स प्रकाशित किया, जो भारत के 10 सबसे बड़े फूड एवं बेवरेज निर्माताओं की न्यूट्रिशन संबंधी । नीतियों व विधियों का आकलन करता है। यह दूसरा 2020 संस्करण इंडेक्स की सीमा का विस्तार कर इसमें भारत के 16 सबसे बड़े फूड एवं बेवरेज मैनुफैक्चरर्स को शामिल करता है, जिनमें से नौ का 2016 में आकलन किया जा चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य अल्पपोषण, मोटापा एवं आहार संबंधी बीमारियों के निदान के लिए प्राइवेट सेक्टर को सेहतमंद व किफायती आहार की ओर अग्रसर करना है|
पूर्व में आकलित नौ कंपनियों में कुछ प्रगति हुई है, तथा उनका औसत स्कोर 2016 में 10 में से 3 से बढ़कर 2020 में 10 में से 4.2 हो गया। औसत इंडेक्स स्कोर 3.1 है, जो 2016 के संस्करण के समान है|
हिंदुस्तान यूनिलिवर एवं नेस्ले इंडिया 10 में से 6.9 के स्कोर के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़ ने सर्वाधिक प्रगति प्रदर्शित की। उनका कुल स्कोर 2016 में 1.6 से बढ़कर अब 4.9 हो गया है। इस प्रगति के बावजूद एटीएनआई ने इस बात पर बल दिया कि उद्योग के मौजूदा प्रयास भारत में न्यूट्रिशन की समस्याओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं|
कुछ कंपनियां सभी संबंधित व्यवसायिक क्षेत्रों में अल्पन्यूट्रिशन, माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी एवं ओवरवेट व मोटापे जैसी चुनौतियों का समाधान करने के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक तिहाई फूड एवं बेवरेज बाजार को कवर करने वाले 16 सबसे बड़े फूड एवं बेवरेज निर्माताओं में से ज्यादातर उत्पादों को फोर्टिफाई करने के प्रयास करते हैं या फिर भारत में न्यूट्रिशन की समस्याओं को संबोधित करने के लिए सरकारी अभियानों के अनुरूप अपने उत्पादों को रिफॉर्मुलेट करते हैं। 13 में से दस कंपनियां मुख्य आहार के फोर्टिफिकेशन पर बल देती हैं और स्वेच्छा से अपने सभी उत्पादों को एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप फोर्टिफाई करती हैं