लाइफस्टाइल में उमंग व उल्लास के नए रंग भरें
सम्पादकीय
आप सभी सुधी पाठकों को होली, चैत्र नवरात्र एवं हिंदू नववर्ष की हार्दिक बधाई।
वसंत आ गया है। यहां हमें सोचने की जरूरत है कि क्या हमारे जीवन में वसंत आ पाया है? जीवन में वसंत आने का मतलब है कि मन उमंग, उल्लास से भर जाना। उम्रदराज लोग हमेशा अपनी लंबी उम्र का राज जीवन में खुशी एवं फिट लाइफस्टाइल को बताते हैं। जीवन में 112 वसंत देखने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति, जापान निवासी एवं गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के विजेता, चितेत्सु वतनाबे ने पिछले दिनों अपनी इंटरव्यू में स्माइल को अपनी लंबी उम्र का राज बताया। ओम पाठशाला के तहत हम ऐसी ही 'खुशी की कक्षा' चलाते हैं!
दरअसल होता यह है कि जब हम भीतर से खुश रहते हैं, तो जीवन में उमंग-उल्लास छाया रहता है और तनाव हमसे कोसों दूर रहता है। ऐसी परिस्थिति में स्वाभाविक है कि हम लंबा जीवन जी पाएंगे। सो हमें कोशिश करनी चाहिए कि लाइफस्टाइल में तनाव को जगह न देंआप प्रयोग करके देखें कि सुबह उठते ही यदि एक भी नकारात्मक विचार मन में आ गया, तो पूरा दिन उसी नकारात्मक माहौल में बीतता है, जबकि दिन में कई ऐसे अवसर आते हैं जहां पॉजिटिव थॉट्स, नए अवसर हमारे मन-मस्तिष्क पर दस्तक देते हैं, लेकिन चूंकि मन पर नकारात्मक विचार हावी होते हैं सो हम अवसर खो देते हैं। इतना ही नहीं, उस नकारात्मक विचार के साथ ही हम बिछावन पर चले जाते हैं और फिर अपनी नींद भी गंवा देते हैं। अब ऐसी हालत में अगला दिन जो हमारे लिए नए अवसर वाला हो सकता है, उसकी शुरुआत हम थकावट, अनिद्रा और निगेटिव थॉट्स से करते हैं। और फिर ऐसा भी अवसर आता है कि हम उसी निगेटिव थॉट्स के आदी हो जाते हैं। फिर जीवन के प्रति हमारा नजरिया भी धीरे-धीरे निगेटिव होने लग जाता है और हम जीना ही भूलने-से लग जाते हैं। लेकिन वसंत, होली, चैत्र नवरात्र ऐसे मौके होते हैं जो हमें याद दिलाते हैं कि नई शुरुआत का समय आ गया है। निराशा को दूर कर उमंग-उल्लास से सराबोर होने का समय आ गया है। होली के अवसर पर हम प्रतिज्ञा करें कि निजी जीवन में निगेटिव थॉट्स को नहीं आने देंगे। यदि एक दिन खराब गुजरा, तो निराशा को उस दिन तक में ही फिक्स कर अगले दिन नई उमंग और ऊर्जा के साथ शुरुआत करें|
ॐ पूर्णमदः पूर्ण मिदं ,पूर्णात पूर्ण मदुचयते
पूर्णस्य पूर्णमादाय ,पूर्ण मेवा वशिशयते !