भोजन, भजन (प्रार्थना) एवं नींद से लापरवाही क्यों?
आप जानते हैं कि प्रकृति में दो प्रकार की शक्तियां हर समय कार्यरत हैं। सकारात्मक शक्ति जो हमें उत्साह, बल, विकास एवं सदकर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं और नकारात्मक शक्ति जो हमें निराशा, तनाव, आलस्य, क्रोध एवं विनाश की ओर ले जाती है। अगर हम अपना जीवन संतुलित बनायें और भोजन, भजन (प्रार्थना) एवं नींद का विशेष ध्यान रखें तो हमारे अन्दर सकारात्मक शक्ति का अधिक संचार होगा। इससे हमारा जीवन, प्रसन्नचित्त एवं सुखी बनेगा। आज जीवन स्तर बदलने के कारण, भोजन, भजन (प्रार्थना) एवं नींद से लापरवाही हो गई है। आओ यह जानने का प्रयत्न करें कि इस लापरवाही के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं।
1. यदि आप बस, कार, ऑफिस या घर में जल्दी-जल्दी खाना खाते हो या खाना खाते हुए टी.वी. देखते हो या पढ़ते हो तो आपकी पाचन शक्ति खराब हो जाएगी।
2. ब्याह शादी में आमतौर पर 10 बजे रात के बाद खाना खाया जाता है और बहुत ही भूख के कारण अधिक खाया जाता है। परिणाम अपच के कारण विकार पैदा होते
3. अपने शरीर को स्लिम और अच्छी को और अली फिगर बनाने के लिए डायटिंग एक 'फैशन' के रूप में सामने आ रहा है। एक सुंदरतम स्वस्थ जीवन तो समझ आता है परन्तु गलत निर्णय के कारण हानि बहुत होती है|
4. अगर पेट को अधिक समय तक खाली रखा जाए तो एसड बढ़ जाता है जिस से पेट में अलसर पैदा हो जाते हैं जो बहुत कष्ट पैदा करते हैं।
5. सब्जी और सलाद के बगैर खाना खाने से कब्ज होती है और कई रोग उत्पन्न होते हैं।
6. सिर्फ इक कदम उठा था गलत राहे शौक में, मंजिल तमाम उमर मुझे रही"
7. खाने में कैल्शियम से भरपूर सेवन करें जिससे हड्डियां मजबूत
8. Remember: Nutrition is not only calories, it is much more than that, since diet food can be refined, filled in the artificial colours, preservatives and artificial sugar.
9. महिलाओं के शरीर में प्रायः पानी कम होता है। अगर वे मदिरा (Alcohol) का प्रयोग करेगी तो मदिरा उनके खून में (इकटठी) होकर अधिक हानिकारक सिद्ध होगी
भोजन में सावधानियां
1. Gita says: As the food so the mind so the man:
इसलिये हमारा भोजन संतलित स्वास्थ्यदायक, पौष्टिक, बल-बुद्धिवर्धकऔर उत्तम मन को प्रसन्न करने वाला तथा उत्तेजना रहित होना चाहिए
2. हर चार घंटे के बाद कुछ न कुछ अवश्य खाना चाहिए।
3. यदि आप खाना खाने से पहले किसी मंत्र या प्रार्थना का उच्चारण नहीं करते परमात्मा का धन्यवाद नहीं भी करते तो भी कुछ क्षण के लिए आंखें अवश्य बन्द करें तो आपका शरीर तनाव रहित हो जाएगा।