योग निद्रा द्वारा कोरोना लॉकडाउन में अपने आपको निद्रा जैसा विश्राम दे

                                     


कोरोना लॉकडाउन में  योगासन आवश्यक हैं | योगासन अभ्यास शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं। योग निद्रा इस ऊर्जा को संरक्षित करती हैं जिससे शरीर व मन को विश्राम मिलता है। योग निद्रा आपको प्राणायाम और ध्यान के लिए तैयार करती है। अतः यह आवश्यक हैं कि योगासन के पश्चात् आप उचित समय योग निद्रा के लिए रखे।


योग निद्रा की विधि 



  1. पीठ के बल शवासन में लेट जाएँ। नेत्र बंद कर विश्रामवस्था में आये। कुछ गहरी श्वाश लें और छोड़े। ध्यान रहे साधारण श्वाश लेना हैं, उज्जई नहीं।

  2. अपना ध्यान अपने दाहिने पंजे पर ले जाये।कुछ सेकंड तक यहाँ अपना ध्यान बनाये रखें। पंजों को विश्रामावस्था में लाये। इसके पश्चात अपना ध्यान क्रमशः दाहिने गुटने, दाहिने जंघा तथा दाहिने कूल्हे पर ले जाए। इसके पश्चात अपने पूरे दाहिने पैर के प्रति सचेत हो जाये।

  3. यही प्रक्रिया बाएं पैर में दोहराए।

  4. अपना ध्यान शरीर के सभी भागों जननांग, पेट, नाभि और वक्ष में ले जाये।

  5. अपना ध्यान दाहिने कंधे, भुजा, हथेली, उंगलियो मेँ ले जाएं।यही प्रक्रिया बाये कंधे, भुजा,हथेली, गर्दन एवं चेहरे और सिर के शीर्ष तक ले जाये।

  6. एक गहरी श्वास लें। अपने शरीर में तरंगो का अनुभव करें। कुछ मिनट इसी स्थिति में आराम करे।

  7. अपने शरीर एवं आस-पास के वातावरण के प्रति सचेत हो जाये। दाहिने करवट ले के कुछ समय लेटे रहे। बाएं नासिका से श्वास बाहर छोड़े जिससे शरीर में ठंडेपन का अहसास होगा।

  8. अपना समय लेते हुए धीरे धीरे उठकर बैठे।जब आप आराम महसूस करे तो धीरे धीरे नेत्र खोलें।

    विशेष: ध्यान रखे कि योग निद्रा ‘सचेत प्रयास’ नहीं ‘ सचेत विश्राम’ हैं।


    जैसे किसी पल आप एक शब्द ‘ सेब’ सुनते हैं, तुरंत उसका प्रतिबिम्ब आपके मन में आ जाता हैं। आपको यह प्रयास नहीं करना पड़ता कि वह छोटा हैं या बड़ा हैं या लाल हैं या हरा। यही स्थिति योग निद्रा में होती हैं।


    आपको इस बात पर एकाग्र या फोकस नही होना पड़ता कि पैर क्या हैं या नाक को स्पर्श नहीं करना होता। न ही आपको शरीर के इन भागो को हिलाना होता हैं। केवल आप अपनी चेतना को उन स्थानों पर ले जाते हैं और गहरी श्वास लेते हैं।योग निद्रा पूर्ण सचेतावस्था में गहरा विश्राम देती हैं। यह प्रयास रहित सचेत शरीर और मनका विश्राम हैं।


    यह प्राकर्तिक हैं कि योग निद्रा के समय कुछ विचार आये, उसे नियंत्रण करने का प्रयास न करे। यदि आप प्राकर्तिक रूप से सोजाते हैं तो अपराधबोध से ग्रसित न हो। इस प्रकार योग निद्रा आनंदपूर्ण प्रयासरहित तरीका हैं जो योगासन के बाद करना चाहिए।


    आओ चले लॉकडाउन में आराम और आनंद का अनुभव  करें।


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