जाने खास शनि जयंती के उपाय





जाने खास शनि जयंती के उपाय



22/05/2020 ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष पर देवपितृ कारी अमावस्या के दिन कृतिका नक्षत्र छत्र योग के समय शनि जयंती है!
शनि के दिन मार्गी होना! सामान्य स्थिति में न होना! और अपनी राशि मे वक्री होना! कई प्रकार के मान्य बताता है! शनि जब अपना दण्ड देते है! तो बिना किसी भेदभाव के देते है! सबसे पहले शनि देव आपकी बुद्धि विपरीत कर देते है! हर युग मे शनि देव का प्रभाव रहता है! द्वापरयुग में पांडोव को दण्ड देने द्रोपदी की बुद्धि विपरीत कर दी थी! तभी दुर्योधन ने कठोर वचन बोलकर वनवास भोगा! त्रेतायुग में रावण की बुद्धि विपरीत की ओर आप सभी जानते है! माँ सीता का अपहरण किया! ओर रावण का विनाश हुआ!कलयुग में सबसे व्यस्त जो ग्रह है, वो शनि देव है! शनि देव हमे इस जन्म में ही दण्ड नही देते! बल्कि ये आगे आने वाले जन्मो में भी देते है! और अपना आशीर्वाद भी हमे ऐसे ही देते है! अगर आप इस दंड से बचे, तो निश्चित ही आप बहुत भग्यशाली है!अगर इस जन्म में जाने अनजाने में आपसे कुछ ऐसे कार्ये है, की गलत तो क्षमा मांगे!


जानते है? कैसे मनाये शनि देव जयंती?


-:सामग्री:-


सरसो का तेल
कच्चा दूध
घी
शहद
दही
शक्कर
गंगाजल
नील पुष्प
मिठाई
जब आप सुबह स्नान आदि कार्य से निवर्त हो कर पूजा मैं बैठे तो आप नीले या काला कपड़े पहन कर बैठे! अगर आप मंदिर जा सकते है तो अतिउत्तम नही तो आप एक बाहर से पत्थर लेकर आ जाये! आप उस पत्थर को शनि देव मान कर स्नान कर वाये! हाथ जोड़कर मन ही मन श्रद्धा भाव से शनि देव को याद करे और प्रार्थना करे!हाथ मे (दाहिने हाथ) मे थोड़ा सा गंगाजल ले और संकल्प ले कि हम से जाने अनजाने जो पाप हुए है! उन्हें आप क्षमा करें और अपना आशिर्वाद बनाकर रखे! आप हमें सुख वैभव धान्य आदि का आशीर्वाद दे! उसके बाद आप सरसो का तेल चढ़ये(जो आप पत्थर लाये है!) उसके बाद थोड़े से नील फूल अर्पण करें! बाद आप पंचामृत से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करे! फिर इस मंत्र का 11 माला का जप करें!

ॐ शं शनिचरये नमः!! शनि देव के चरणों का स्मरण करते हुए जप करे! बाद में मिठाई का भोग लगाये भगवान शिव और शनि देव पर! इस दिन आप किस-किस चीज़ का दान करे!
1 लोहे का
2 दवाई का
3 कपड़ो का
शनि देव ऐसे ग्रह जो कि सूर्य देव का चक्कर 30 साल में लगाते है! यू कहे कि शनि देव बहुत धीरे-धीरे चलते है! इसलिए हमें साढेसाती ओर ढैय्या को बड़े ध्यान से देखनी पड़ती है! महादशा, प्रत्यंतर,सूक्ष्म प्रत्यंतर, प्राण प्रत्यंतर! ऐसा कहा जाता है!
धीरे धीरे रेमणा धीरे सब कुछ होये,
बाली सोचे सो घड़ा ऋतु फल फल होये!!
भले ही आप रोज सो घड़े पानी के गमले डाल दे, सींचे मगर फल,फूल, वृक्ष समय आने पर ही होगा! ऋतु आने पर ही फल, फूल लगेंगे! बल्कि अगले दिन नही मिलेंगे! शनि देव की चक्की चलती धीरे है, मगर पिसती बारीक है! करे ये आप उपाय निश्चित ही आपको फल जरूर मिलेगा!!
धन्यवाद
पं वैभव शर्मा
09718395081





 




 



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