गुप्त नवरात्र 2020 जानिए मन्त्र जाप
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र (22 जून से 30 जून)
हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। देवी दुर्गा को पूजने के लिए लोग साल में चार बार नवरात्रि मनाते हैं। इन चार नवरात्रियों में दो नवरात्रि उदय नवरात्रि होती है जबकि दो गुप्त नवरात्रि Gupt Navratra होती है। उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों पर नवरात्र मनाई जाती है।
इस नव वर्ष यानि 2077 संवत्सर में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र 21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के ठीक अगले दिन यानि 22 जून से शुरू हो चुके हैं । गुप्त नवरात्र में साधक गुप्त विद्या के साथ ही गोपनीय शक्तियों का भी आह्वान कर उन्हें प्राप्त करते हैं।
गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां...
गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
कामना सिद्धि के लिऐ गुप्त नवरात्र में निम्न मंत्र का उच्चारण करें -
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!
अर्थ :- हे नारायणी! तुम सबका मंगल करने वाली मंगलमयी माता हो! कल्याणदायिनी शिवा देवी हो! सब पुरुषार्थ सिद्ध करने वाली शरणागत वत्सला हो! तीन नेत्र वाली गौरी हो! तुम्हे मेरा प्रणाम, मेरी सब कामनाएं सिद्ध कर दो!
आरोग्य व सौभाग्य देने वाला निम्न मंत्र का पाठ करें -
ॐ देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
अर्थ:- हे देवी! मुझे सौभग्य दो! आरोग्य दो! अत्यंत सुख दो! रूप दो! जय दो, यश दो और जीवन में आने वाले सब संकट रूपी शत्रुओं का नाश करो!!
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