श्री कृष्णा जन्माष्टमी कैसे मनाएं ?

श्री कृष्णा जन्माष्टमी कैसे मनाएं ?



यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥4-7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥4-8॥


मैं अवतार लेता हूं. मैं प्रकट होता हूं. जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं. जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं,  दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं.


 इस श्लोक का वर्णन आपको महाभारत में श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया  था! नमश्कार साथियो मैं वैभव शर्मा आपका स्वागत करता हूँ! ॐ पत्रिका और ऐस्ट्रोविद्या में 12 अगस्त को इस महापर्व में आपका स्वागत करता हूँ! जो की न ही भारत में बल्कि कई देशो में मनाया जाता है! कैसे मनाएं  जन्माष्टमी, संतान सुख, संतान से सुख कामना का विशेष प्रयोग आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य और दीर्घ आयु के विशेष उपाय जानते है?



कैसे मनाये जन्माष्टमी क्या समय क्या दिन रहेगा?
जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जाएगा। अधिकतर पंचांगों के अनुसार, 11 अगस्त और 12 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाने की जानकारी दी गई है। इस वजह से लोगों में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। हालांकि इस बार जन्माष्टमी पर एक विशेष योग बन रहा है, जो व्रत करने वालों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा।12 अगस्त पर कृतिका नक्षत्र लगेगा। यही नहीं, चंद्रमा मेष राशि और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। कृतिका नक्षत्र और राशियों की इस स्थिति वृद्धि योग बना रही है। ऐसे में अगर बुधवार की रात को बताए गए मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाए तो उससे दोगुना फल प्राप्त होगा। 12 अगस्त को व्रत रखने, पूजा करने और मुहूर्त का ध्यान रखकर जन्मोत्सव होने से व्रती को लाभ मिलेगा।

जानें इस मुहूर्त के बार में: अष्टमी तिथि 11 अगस्त मंगलवार सुबह 9:06 बजे से शुरू हो जाएगी। यह तिथि 12 अगस्त सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी। वैष्णव जन्माष्टमी के लिए 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। बुधवार की रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक बाल-गोपाल की पूजा-अर्चना की जा सकती है। बता दें कि इस वर्ष कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं। 11 अगस्त 2020 को सूर्योदय के बाद ही अष्टमी तिथि शुरू होगी। इस दिन यह तिथि पूरे दिन और रात में रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

कैसे मनाये जन्माष्टमी?
केले,आम,अशोक के पत्तों से घर को सजाये घर के दरवाजों पर मंगल कलश स्थापित करे! घर के आँगन में मंदिर में रंगोली बनाये! भजन-कीर्तन करे! रात को भगवान श्रीकृष्ण और शालिग्राम की पंचामृत से स्नान करवाये, विष्णु पूजन करे! और मन ही मन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" की 1 माला या 11 माला जप करे! भगवान को सुन्दर वस्त्र पहनाये,पुष्पों से सजे फूलों के झूले पर विराजमान करे! धूप दीपक जलाये! प्रसुधी के समय सेवन करने वाली मिठाई,पुष्प,फल,नारियल, झुवारे,पंजीरी का प्रसाद रख ले और 12 बजे के बाद घी का दीपक, धूपबत्ती जलाये ओर भगवान श्री कृष्ण और विष्णु जी की आरती करें! और प्रशाद बाटे ओर खुद भी ग्रहण करे!

जिनको सन्तान की कामना है और किसी भी कारण वश नही हो रही है उनके लिए प्रयोग?
भगवान श्री कृष्ण को श्रद्धा भाव से माखन ओर मिश्री का भोग लगाये ओर गोपाल सहस्त्र का पथ श्रद्धा भाव से पढ़े पूर्ण! इसके बाद इस मंत्र की 1 माला या 11 माला जप का संकल्प ले! गोपाल सहस्त्र नाम का पाठ नित्य श्रद्धा भाव से करे अगर किसी कारण वश आप नित्य नही कर पाते है तो हर गुरुवार को करे! 12 अगस्त के बाद जो भी गुरुवार आये शाम के समय गोपाल सहस्त्र का पाठ करने के बाद भीगे हुए गेंहू, चन्ने की दाल और हल्दी इसमे डाल कर बछड़े वाली गाये को खिलाये! ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी जल्दी!! मंत्र इस प्रकार है!!
ॐ देवकी नन्दनाय विदमहे वासुदेवाय धीमही! कृष्ण तन्नो: प्रचोदयात!!


ॐ दामोदराय विदमहे रुक्मणि वल्लभाय धीमही!! तन्नो कृष्ण प्रचोदयात!!


मगर आप किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श जरूर ले!!



बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए क्या करे??
12/08/2020 को बच्चों के हाथ आप अनाज का दान किसी भी जरूरत मन्द को दान करे वटवृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाये! विष्णु सहस्त्र का पाठ पढे या सुनना भी बेहद अच्छा होता है! मोर पंख बाँसुरी वाले श्री कृष्ण की प्रतिमा अपने घर लेकर आये!



अधिक जानकारी के लिए आप हमारे कार्यलय में संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है!
स्व. प.बिहारी लाल शर्मा
प.ओमप्रकाश शर्मा
प. वैभव शर्मा


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