क्या है पितृ दोष?

क्या है पितृ दोष?



कुंडली से जाने पितृ दोष/ प्रेत दोष और उन के 11 उपाय |



नमश्कार साथियो मैं हूं वैभव शर्मा आपका स्वागत करता हूं ॐ पत्रिका के माध्यम से और आस्ट्रोविद्या फेसबुक पेज पे!


क्या है पितृ दोष पहले इसे समझते हैं|पितृ पक्ष/पितृ दोष ये सब एक ही है! अगर आपका परिवार  आर्थिक,मानसिक,संतान उत्पति या अन्य प्रभाव से अन्य आभाव से पीड़ित है! चाहा गया कार्य हाथ में आता-आता फिसलता है! घर में शुभ और मांगलिक कार्य हो ही नहीं पाते या होने के बाद रिजेक्ट हो जाते है, या टूट जाते है? रिश्ता? निराशा ने आपकी नींद उड़ादी है! अगर ऐसे ही सवाल आपके भीतर भी है तो इसके जवाब बहोत सारे है, लेकिन उनमे से एक जवाब ये भी है, की हो सकता है, की आपकी जन्मकुंडली में पितृ दोष हो! अगर ऐसा हो रहा है, तो आप देख ले या किसी पंडित जी आप पूछ ले कही आपकी जन्मकुंडली में श्रापित और पितृदोष तो नहीं है! अपने पितृगणो के निमित श्राद्ध नहीं करने उनकी अवहेलना करने और अंसतुष्ट पितृगण अपने वंशो को श्राप दे देते है! तब सम्भंधित परिवार संकट में घिर जाते है! ये ही पितृ दोष कहलता है! हमारे में काबिलियत है की हम फैक्ट्री चला सकते है, फैक्ट्री हमने किसी और के लिए चलायी वो चल गयी! लेकिन हमारी फैक्ट्री डुब गयी! हम किसी और के लिए काम करते है परफेक्ट काम होता है! खुद काम करते समय समस्या शुरू हो जाती है! कोई ख़ुशी का मौका आता है तो नज़र लग जाती है! हो सकता है की आपके पितृ आपसे नाराज़ हो!



 कैसे पता करे की आपकी कुंडली में पितृ दोष है?



सबसे पहले कुंडली में प्रथम द्वितये चतुर्थ पंचम सप्तम नवम दशम भाव में किसी भी एक भाव में सूर्य,राहु या सूर्य,शनि/शनि केतु, राहु शनि एक साथ या दिर्ष्टि संबंध तो इंसान की कुंडली में पितृ दोष होता ही है! कुंडली में जिस भाव में ऐसा योग होता है! उसके ही अशुभ फल इंसान को मिलते है! उदहारण के तोर पे प्रथम भाव में सूर्य राहु या राहु शनि या जो मैंने बताया वो योग हो तो आप यकीन मानिये वो व्यक्ति अशांत,गुप्तचिंता, अज्ञातभय,मैरिटललाइफ और स्वस्थ सम्भंधि दिक्कत से घिरा रहेगा! दूसरे भाव में ये योग हो तो परिवार में ववनस्य आर्थिक उलझने पैतृक सम्पति का मसला कई पीडियो तक चल जाता है! चतुर्थ भाव में पितृ दोष होने के कारण मकान जमीन/जमीन जायदात माँ, ग्रह सुख गाड़ी से तकलीफ आती है! नयी गाड़ी खरीदते ही खराब हो जाती है! आपको तरह-तरह के प्रॉपर्टी के नुकसान भोगने पड़ते है! पंचम भाव में आपकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है! पढ़ाई से सुख नहीं मिल पता है! संतान न होना या संतान से सुख न होना, लवलाइफ में परेशानी आना! सप्तम भाव में येही योग शादी नहीं होने देता, हो जाये तो इंसान की मेरिटलाइफ खराब कर देता है! व्यापर नहीं होता अगर होता है तो समाप्त हो जाता है! भाग्य उन्नति में बाधा आती है! दशम भाव में पितृ दोष होने से नौकरी बार-बार बदलना तय है! पिता को तरह-तरह के कष्ट आते है! पिता से परेशानी हो जाती है! पिता को कानूनी कार्यवाही या पिता को बहोत सारी दिक्कत आनी शुरू हो जाती है! प्रत्येक भाव के अनुसार उसके फलो का विचार होता है! मन लीजिए सूर्य नीच राशि में होकर राहु या शनि के साथ बैठा है! तो पितृ दोष अधिक होता है! दशम भाव का स्वामी 6 8 12 भाव में हो और इसका राहु से कोई सम्भन्ध हो जाये! तो इंसान की कुंडली में घोर पितृ दोष होता है! अगर आठवे या बारवे भाव में गुरु राहु चाण्डाल दोष हो जाये! पंचम भाव में सूर्य शनि अथवा मंगल क्रुरु अंगारक दोष से पीड़ित हो तो पितृ दोष के कारण संतान नहीं होती है, सनातन की 10 - 15 साल में एक्सीडेन्ट होना लगभग तय होता है! अगर पंचमेश संतान भाव में त्रिक भाव में सिद्ध हो तथा पंचम में शनि अथवा क्रूर ग्रह हो तो संतान सुख उपलब्ध ही नहीं हो पता है! राहु अथवा शनि के मिलने से अनेक कष्टकारी योग बनते है, जो की पितृ दोष की भाती ही रिजल्ट देते है! प्रिय साथियो आपने पितृ दोष के बारे में तो जान लिया! मेरे पास कई जनो के सवाल आये है प्रेत दोष के बारे में तो प्रेत दोष क्या होता है? प्रेत दोष जो अनएक्सेप्टेड मृत्यु जो आज कल 10 -12 साल बिना किसी बीमारी के मृत्यु हो जाये! या किसी की दर्दनाक मृत्यु हो जाये! एक्सीडेंट में या वो सुसाइड कर ले या छत से गिरकर मृत्यु हो जाये! तो वो प्रेत योनि में चले जाते है! और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है! उनकी आत्मा भटकती रहती है! असमय मृत्यु होने से वो अपने जीवन की जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर पाते है! और इस वजह से परिवार से मोह और अपने हत्यारो को सजा दिलने के लिए उनकी आत्मा भटकती रहती है! इसे ही प्रेत दोष कहते है! ऐसा हमने कई फिल्मो में भी देखा  है! इसकी शांति नारायण बलि, नाग बलि, त्रिपिण्डी और श्राद्ध द्वारा ही हो सकती है!



11 उपाय जिसके करने से मिलेगी पितृ दोष/ प्रेत दोष से मुक्ति?
अगर आपके व्यापर में बाधा आती है? घर में कोई न कोई रोग होता है? ग्रह क्लेश होता है? या विवहा योग्य होने पर भी बाधा आती है? तो इसका कारण कही हद तक पितृ दोष हो सकता है! अथवा ऐसा श्रापित दोष चाण्डाल दोष कालसर्प योग गहणी अंगारक दोष से पीड़ित है! तो उन्हें बचने के उपाय करने चाहिए! तो इसका उपाय शनिवार,मंगलवार या अमावस्य को ब्राह्मण को भोजन करवाये! प्रत्येक शनिवार को काले कुत्ते की इमरती खिलाये! प्रत्येक शनिवार,मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुन्दर काण्ड का पाठ होना चाहिए! या सुन भी सकते है! श्राद्ध पक्ष के किसी भी दिन सवा सो ग्राम जो किसी बर्तन में रख कर सोते समय अपने सिरहाने के समय रख कर सो जाये ! अगले दिन सुबह ॐ राम रहुवे नमः मन्त्र का 108 बार जप करते हुए! पक्षियों को चुगने के लिए डाल दे! श्राद्ध पक्ष के आलावा ये प्रयोग करे! तो प्रत्येक शुक्र्वार की रात और शनिवार के सुबह करे! ऐसा 21 शुक्रवार करे तो मजा आ जायेगा!
अपने पितरो पूर्वजो के निधन की तिथि पर जरुरत मंद लोगो और ब्रह्मणो को भोजन करवा कर क्षमता के अनुसार दक्षणा देकर विदा करे! भोजन में अपने पूर्वजो का पसंदीदा भोजन अपने हाथ से बनाये! और सम्मान पूर्वक भोजन करना चाहिए! और आप समर्थिये के अनुसार वस्त्र का भी आप दान कर सकते है!
घर के आस-पास दोपहर के समय पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाये! इसके साथ ही पुष्प अक्षत दूध गंगाजल और काले तिल भी अर्पित करे! हाथ जोड़कर साक्षात् दंडवत प्रणाम करते हुए! अपने पूर्वजो से गलतियों की क्षमा मांगे और उलटे कान पकड़कर दंड बैठक करे! और उसके बाद उनका आशीर्वाद प्राप्त करे!
पितृ दोष होने पर गरीब कन्या के विवाह होने पर उनकी सहायता करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है!
गरीब और बीमार लोगो का इलाज कराने से पितृ दोष शांत होता है! इस उपाय को करने से खासा लाभ होता है!
जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष/श्रापित दोष/प्रेत दोष हो वो गाय का दान करे! तो बहोत ही लाभकारी होता है!
जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष/श्रापित दोष/प्रेत दोष हो तो वो जगह-जगह पानी के घड़े रखवा कर रहगीरो के लिए पानी की व्यवस्था करवा सकता है! ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है!
पितृ दोष को दूर करने के लिए पीपल और बरगद का पेड़ लगाए!  भगवन विष्णु के मन्त्र का जप करे! श्री मद भगवत गीता का पाठ करने से भीऔर धीरे-धीरे कम होने लगता है!
घर में हमेशा झगड़ा फसाद रहता है? घर 4 -5 लोग रहते आपसे में मन मुटाव रहता है? तो घर का वातावरण दूषित हो जाता है? तो इससे मुक्ति के लिए श्राद्ध पक्ष के किसी भी दिन या अमावस्य के दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस और इत्र मिलाकर अभिषेक करने से या करवाने से बहोत पुण्य और लाभ मिलता है!
प्रिय साथियो जीते जी हम अपने माता-पिता का और परिवार के लोग का खूब ध्यान रखते है! कुछ लोग नहीं भी रखते है! लेकिन कुछ लोग अर्थी को कन्धा देते समय ये जरूर बोलते है राम नाम सत्य है! और ये समझते है की हमने अर्थी को कन्धा दिया! बड़ा पुण्य का काम किया! जीते जी उस व्यक्ति का साथ दे और मरने उपरांत सच्ची श्रद्धा से श्राद्ध कीजिए! आप ये काम करते है तो पितरो को तृप्ति मिलती है! और आपकप आशीर्वाद मिलता है! प्रिय साथियो आप सच्ची से श्रद्धा से श्राद्ध कीजिए! जितना भी आपसे हो सके दान करे! पितृ दोष समाप्त होगा! जीवन में जो सुख समृद्धि का ग्रहण लगा हुआ था वो भी दूर समाप्त हो जायेगा! अपनी भेजे समस्या और पाये समाधान उपाय के साथ परेशान होने से सही उपाय करने से मिलती है! तो भेजे अपने सवाल या यहाँ पर या सम्पर्क करें! किसी भी प्रकार की समस्या हो तो समाधान निश्चित मिलेगा!!


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